बाबाजी रति नाथजी के भजन लिरिक्स हिंदी लिखित में पीडीऍफ़

राजा भरथरी से अरज करे, महलो में खड़ी महारानी भजन हिंदी लिरिक्स

राजा भरथरी से अरज करे, महलो में खड़ी महारानी भजन हिंदी लिरिक्स

राजा भरथरी से अरज करे, महलो में खड़ी महारानी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||


नगर उज्जैन के राजा भरथरी हो घोड़े असवार |

एक दिन राजा दूर जंगल में खेलन गया शिकार |

विछड गए सारे संग के साथी राजा भये लाचार |

किस्मत ने जब करवट बदली छुटा दिए घरबार |

अब होनहार टाली न टले समझे कोनी दुनिया दीवानी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||


काला सा एक मिरग देखकर तीर ताण कर मारा |

तीर कलेजा चीर गया मृग धरणी पे पड़ा बेचारा |

व्याकुल होकर हिरणी बोली ओ पापी हत्यारा |

मिरगे के संग में सती होवांगी हिरणी का डार विचारा |

अब रो रो के फ़रियाद करे राजा भये अज्ञानी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||


राजा जंगल में रुदन करे गुरु गोरखनाथ पधारे |

मिरगे को प्राण दान दे तपसी राजा का जनम सुधारे |

उसी समय में राजा भरथरी तन के वस्त्र उतारे |

ले गुरुमंत्र बन गया जोगी अंग वभूति रमाये |

अब घर घर अलख जगाता फिरे बोले मधुर वाणी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||


गुरु गोरख की आग्या भरथरी महलों में अलख जगाता |

भर मोतियन को थाल ल्याई दासी ले जोगी सुखदाता |

ना चाहिए तेरा माणक मोती चुठी चून की चाहता |

भिक्षा ल्यूँगा जद ड्योढ़ी पर आवेगी पिंघला माता |

अब राणी के नैना से नीर ढरे पियाजी की सुरत पिछाणी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी |


भाग दोड़ के पति चरणों में लिपट गई महाराणी |

बेदर्दी तोहे दया नहीं आई सुनले मेरी कहानी |

बाली उमर नादान नाथ मेरी कैसे कटे जिंदगानी |

पिवजी छोडो जोग राज करो बोले प्रेम दीवानी |

थारे अन्न का भण्डार भरया थे रोज करो मनमानी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||


धुप छाव की काया माया दुनिया बहता पाणी |

अमर नाम मालिक को रहसी सोच समझ अज्ञानी |

भजन करो भव सिन्धु तिरो यू कहता लिखमो ग्यानी |

नई नई रंगत गावे माधोसिंह आवागमन की ज्यानी |

अब राम का भजन करो सब प्यारे तेरी दो दिन की जिंदगानी |

राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||

 

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