निन्द्रा बेच दू कोई ले तो, रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगी भजन हिंदी लिरिक्स

    रति नाथ भजन

    • 2 Mar 2024
    • Admin
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    निन्द्रा बेच दू कोई ले तो, रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगी भजन हिंदी लिरिक्स

    निन्द्रा बेच दू कोई ले तो, रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगी॥टेर॥

    भाव राख सतसंग में जावो, चित में राखो चेतो। 
    हाथ जोड़ चरणा में लिपटो, जे कोई संत मिले तो॥1॥

    पाई की मण पाँच बेच दू, जे कोई ग्राहक हो तो। 
    पाँचा में से चार छोड़ दू, दाम रोकड़ी दे तो॥2॥

    बैठ सभा में मिथ्या बोले, निन्द्रा करै पराई। 
    वो घर हमने तुम्हें बताया, जावो बिना बुलाई॥3॥

    के तो जावो राजद्वारे, के रसिया रस भोगी। 
    म्हारो पीछो छोड़ बावरी, म्हे हाँ रमता जोगी॥4॥

    ऊँचा मंदिर देख जायो, जहाँ मणि चवँर दुलाबे। 
    म्हारे संग क्या लेगी बावरी, पत्थर से दुख पावे॥5॥

    कहे भरतरी सुण हे निन्द्रा, यहाँ न तेरा बासा। 
    म्हें तो रहता गुरु भरोसे, राम मिलण की आशा॥6॥

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