Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
हर भज हर भज हीरा परख ले
हर भज हर भज हीरा परख ले,
समझ पकड़ नर मजबूती ।
साचा समरन करो सायब रा ,
और वार्ता सब झूठी ॥
इन्द्र घटा ले सतगुरु आया,
अम्रत बुंदा हद बूँटी ।
त्रिवेणी के रंग महल में ,
साधा लाला हद लूटी
हर भज …
इण काया में पाँच चोर है,
जिनकी पकड़ो सिर चोटी |
पाँचो ने मार पच्चीस वश करले ,
जद जाणा तेरी रजपुती
हर भज …
सत सुमरण का सैल बणाले,
ढाल बणाले धीरज की |
काम, क्रोध ने मार हटा दे,
जद जाणु थारी मजबुती
हर भज …
झरम रझरमर बाजा बाजै,
झिलमिल ज्योतो वे जलती |
ओंकार पर रणोकार है हँसला ,
चुग गया निज मोती
हर भज …
पक्की घड़ी का तोल बणाले,
काण ने राखो एक रती ।
गुरु चरणे मछेन्द्र बोले,
अलख लख्या सो खरा जती
हर भज …
प्रकाशित: 15 May, 2025
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