बाबाजी रति नाथजी के भजन लिरिक्स हिंदी लिखित में पीडीऍफ़
हर भज हर भज हीरा परख ले भजन लिरिक्स
हर भज हर भज हीरा परख ले
हर भज हर भज हीरा परख ले,
समझ पकड़ नर मजबूती ।
साचा समरन करो सायब रा ,
और वार्ता सब झूठी ॥
इन्द्र घटा ले सतगुरु आया,
अम्रत बुंदा हद बूँटी ।
त्रिवेणी के रंग महल में ,
साधा लाला हद लूटी
हर भज …
इण काया में पाँच चोर है,
जिनकी पकड़ो सिर चोटी |
पाँचो ने मार पच्चीस वश करले ,
जद जाणा तेरी रजपुती
हर भज …
सत सुमरण का सैल बणाले,
ढाल बणाले धीरज की |
काम, क्रोध ने मार हटा दे,
जद जाणु थारी मजबुती
हर भज …
झरम रझरमर बाजा बाजै,
झिलमिल ज्योतो वे जलती |
ओंकार पर रणोकार है हँसला ,
चुग गया निज मोती
हर भज …
पक्की घड़ी का तोल बणाले,
काण ने राखो एक रती ।
गुरु चरणे मछेन्द्र बोले,
अलख लख्या सो खरा जती
हर भज …
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