डस गयो कालो रे , कंवर रोहिताष ने भजन हिंदी लिरिक्स
डस गयो कालो रे
डस गयो कालो रे ,
कंवर रोहिताष ने।
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
फूल तोडन ने बेटा ,
गयो तू बाग़ में।
फुलड़ा तोडन लाग्यो,
डस्यो कालों नाग रे।
विपदा पड़ी है म्हाने,
देखि थारी लाश मैं।
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
माता या थारी रोवे,
पलके तो खोलो।
कबसे रो रही माता,
मुख से तो बोलो।
एक बार कह दो लाला,
माँ माँ पुकार के।
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
लाश को लेकर रानी,
आयी शमशान रे।
अपने हाथो से लाला की,
चिता जो बनाई रे।
नैनो से नीर बरसे,
रोये रानी त्रास रे।
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
राजा हरिश्चंद्र,
तारावती रानी रे।
बिछड़े हुए है अब,
मिले तीनों प्राणी रे।
ऐसा लिखा था स्वामी,
अपने ही भाग में।
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
इतने में हरिशश्चंद्र ,
राजा वहां देते पहरा।
पहले चुका दे राणी ,
कर्जा तू मेरा।
फेर फूंकी ल्हाश रे ,
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
कर जोड़ राणी बोली ,
सुणो परमेश्वर।
मेरे पास पैसा,
वस्तु कुछ नही वस्त।
कुछ नहीं पास में ,
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
में तो हूँ नोकर राणी ,
मालिक भंगी।
इस दुनिया में मेरा ,
कोई नहीं संगी।
साड़ी तेरे पास में ,
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
आधी साड़ी से राणी ,
कफ़न बणायो,
आधी साड़ी से राणी ,
कर्जो चुकायो।
फूँकण लागी ल्हाश ने
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
गगन मण्डल से ,
पुष्प जो बरसे।
एक पुत्र बिना राजी ,
राणी तरसे।
रहूँ तेरे सामने ,
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
डस गयो कालो रे ,
कंवर रोहिताष ने।
छाती भर आवे बेटा ,
देखू थारी लाश मैं।
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