भक्ति भगवत ने है प्यारी भजन हिंदी लिरिक्स
भक्ति भगवत ने है प्यारी
ऊंच नीच कारण नहीं इसमें ,
भजो कोई नर नारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी।
भक्ति करी भरम ने त्यागो ,
सुमिरो अलख निजारी।
सोऽहं सूरज उगे घट भीतर ,
मिटे अज्ञान अंधारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण निर्गुण स्वरुप भक्ति का ,
कहे सदग्रन्थ पुकारी।
सर्गुण सेवा ध्यान प्रार्थना ,
निर्गुण तत्व विचारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण बिना निर्गुण नहीं होवे ,
समझो सैन गुरारी।
सर्गुण बिना निर्गुण पद पावो ,
खुल जावे भ्रम किवारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
तामस राजस सात्विक करके ,
सुरगण तीन प्रकारी।
निर्गुण एक आत्म स्वरुप लख ,
तजो कल्पना सारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
सर्गुण परोक्ष अपरोक्ष है निर्गुण ,
यह निश्चय हम धारी।
कल्याण भारती करके भक्ति ,
सब हरी रूप निहारी।
भक्ति भगवत ने है प्यारी। टेर। …
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