श्याम बाबा भोले भक्तों का | भक्ति भजन लिरिक्स हिंदी में
प्रकाशित: 26 Apr, 2025
भारतीय संत परंपरा में ऐसे कई भजन हैं जो केवल भक्ति ही नहीं, बल्कि जीवन की सच्चाइयों को सरल शब्दों में समझा देते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत भजन है:
"सुता शेर जंगल का राजा उसे जगाना ना चाहिए"
यह भजन हमें संयम, मर्यादा, आचार-विचार, और सत्संग के महत्व की गहरी सीख देता है।
"सुता सुता क्या करो, और सुता ने आवे नींद
जम सिराणे आये खड़ा, ज्यू तोरण आया बिंध"
टेर:
सुता शेर जंगल का राजा, उसे जगाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||
सुता शेर जंगल का राजा उसे जगाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||टेर||
देकर के विश्वास किसको, घात लगाना नहीं चाहिए
पर नारी के सपने में भी, हाथ लगाना नहीं चाहिए
सुता शेर जंगल का राजा उसे जगाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||टेर||
अग्नि ब्रामण गौ माता के, लात लगाना नहीं चाहिए
सत्संग में जाकर के, थोती बात बनाना ना चाहिए
कहना चाहिए मुख के उपर, चुगली खाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना ना चाहिए
दया धर्म और सत कर्म, में देर लगाना ना चाहिए
कुआँ बावड़ी रास्ता उपर, केर लगाना ना चाहिए
सुता शेर जंगल का राजा उसे जगाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||टेर||
हीरा वरगी श्याणी कन्या, लार लगाना ना चाहिए
वक्त पड़ा अपनी छाती पे पैर लगाना ना चाहिए २
रहना चाहिए सब से मिलकर, वैर बढाना ना चाहिए
सुता शेर जंगल का राजा उसे जगाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||टेर||
कडवा बोल किसी के दिल पर, चोट लगाना ना चाहिए
नीर अपराध जान बुछ्कर , खोट लगाना ना चाहिए
दूध छोड़ कर, मंद का प्याला होट लगाना ना चाहिए
चोरी, चुआरी वेश्या के घर, लोट लगाना ना चाहिए
सुनना चाहिए सब लोगो की, शोर मचाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||टेर||
बिना बुलाये पर घर अन्दर, भूल के जाना ना चाहिए
दुश्मन के घर जाकर, भूल के रोटी ना खाना चाहिए
बहती जल की मजधार में, भूल के नहाना ना चाहिए
हरी नारायण गन्दा गाना भूल के गाना ना चाहिए
गाना चाहिए ताल मिलके, बेताल यु गाना ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाना नहीं चाहिए ||टेर||
यह भजन एक गहरी जीवन शिक्षा है। यह हमें बताता है:
संयम और मर्यादा का महत्व
धर्म, दया और सत्संग की ताकत
गलत संगति और असंयमित व्यवहार से बचने की सीख
महिलाओं का सम्मान और धार्मिक आस्थाओं का आदर
झूठ, चुगली, दिखावा और गलत व्यवहार से दूरी बनाए रखना
हर पंक्ति जीवन के अनुभवों से उपजी है और हमें आत्म-संयम, विवेक और सही मार्ग चुनने की प्रेरणा देती है।
जैसे जंगल में सोता शेर खतरनाक हो सकता है, वैसे ही कुछ विषयों और लोगों से दूरी बनाना जीवन की रक्षा करता है।
"राजा, जोगी, अग्नि और जल" जैसे तत्वों से सोच-समझ कर संबंध बनाना चाहिए।
उत्तर:
इस भजन का मूल संदेश यह है कि जीवन में संयम, मर्यादा और धर्म का पालन करना आवश्यक है। यह हमें गलत संगति, अहंकार, चुगली, धोखा और अनैतिकता से बचने की प्रेरणा देता है।
उत्तर:
इसका अर्थ है कि जैसे जंगल में सोता हुआ शेर ख़तरनाक हो सकता है, वैसे ही कुछ स्थितियाँ और व्यक्ति ऐसे होते हैं जिन्हें छेड़ना नहीं चाहिए। यह एक प्रतीकात्मक चेतावनी है – नफरत, धोखा, या ज़रूरत से ज़्यादा हस्तक्षेप घातक हो सकता है।
उत्तर:
ये सभी तत्व शक्तिशाली होते हैं और उनसे दूरी या सावधानी जरूरी होती है। राजा से अत्यधिक निकटता खतरे में डाल सकती है, जोगी की तपस्या में बाधा अशुभ हो सकती है, अग्नि और जल से खिलवाड़ नुकसानदायक हो सकता है। यह जीवन के व्यवहारिक ज्ञान को दर्शाता है।
उत्तर:
यह भजन धार्मिक होने के साथ-साथ गहरी सामाजिक और नैतिक शिक्षा भी देता है। इसमें महिलाओं का सम्मान, दूसरों की भावनाओं का ख्याल, चुगली और धोखे से बचना, तथा जीवन के शुद्ध आचरण को अपनाने की बात कही गई है।
उत्तर:
यह भजन आमतौर पर सत्संग, भक्ति सभाओं, समूह कीर्तन, या संस्कार समारोहों में गाया जाता है, जहाँ जीवन मूल्यों और आध्यात्मिक विचारों पर चर्चा होती है।
उत्तर:
बिलकुल! यह भजन बच्चों को नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी की शिक्षा देने का सुंदर माध्यम हो सकता है। साथ ही भाषा सरल और संगीतात्मक है, जिससे बच्चे इसे आसानी से सीख सकते हैं।
प्रकाशित: 26 Apr, 2025
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