मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुड़ो | मीरा के भजन लिरिक्स

    मीराबाई भजन

    • 30 Jun 2025
    • Admin
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    मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुड़ो | मीरा के भजन लिरिक्स

    राजस्थान जोधपुर

    राग मांड 


    देशडलो रंग रुडो रे मेवाड़ी राणा ।
    मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुडो ।। टेर ।।

    थारां रे देश में साधु नहीं है रे । 
    लोग बसें ज्या रूडों रे । 
    देशडलो रंग रुडो रे मेवाड़ी राणा । 
    मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुडो ।। टेर ।।

    पार पितांबर सब म्हे त्याग्या रे । 
    त्याग्यो कर को चुड़ो रे। मेवाड़ी राणा । 
    देशडलो रंग रुडो रे मेवाड़ी राणा । 
    मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुडो ।। टेर ।।

    मेवा मिसरी सब म्हे त्याग्या रे । 
    त्याग्यो रे शक्कर बुरा रे। मेवाड़ी राणा । 
    देशडलो रंग रुडो रे मेवाड़ी राणा । 
    मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुडो ।। टेर ।।

    मीरां के प्रभु गिर घर नागर रे । 
    वर पायों मैंने पुरो रे मेवाड़ी राणा ।  
    थारो देशडलो रंग रुडो रे । 
    देशड़लो रंग रूडो रे । 
    मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुडो ।। टेर ।।

    प्रेषक :  दिलीप कुमार जी सेन, राड़ावास


    ❓ FAQs (Frequently Asked Questions):

    Q1. "मेवाड़ी राणा थारो देशडलो रंग रुड़ो" किसका भजन है?
    यह प्रसिद्ध संत मीरा बाई का एक भक्ति भजन है, जो उन्होंने श्रीकृष्ण की आराधना में लिखा।

    Q2. इस भजन का अर्थ क्या है?
    इस भजन में मीरा बाई ने श्रीकृष्ण के रंग में रंगे जीवन और उनके प्रति अपने समर्पण को दर्शाया है।

    Q3. क्या यह भजन राजस्थान की लोक परंपरा से जुड़ा है?
    हाँ, यह भजन राजस्थानी लोकभक्ति गीतों की अमूल्य धरोहर है और मेवाड़ क्षेत्र से जुड़ा है।

    Q4. मीरा के अन्य प्रसिद्ध भजन कौनसे हैं?
    "पायो जी मैंने राम रतन धन पायो", "मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई", "चाकर राखो जी" जैसे कई प्रसिद्ध भजन हैं।

    Q5. क्या इस भजन की धुन भी पारंपरिक है?
    जी हाँ, यह भजन पारंपरिक राजस्थानी धुनों और रागों में गाया जाता है, जिससे इसकी भक्ति और भी गहराई से महसूस होती है।

     

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