लागी लगन शंकरा लिरिक्स भजन लिरिक्स | Laagi Lagan Shankara Lyrics
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम...॥
सभी छोड़ कर चला मुसाफिर,
वास हुआ वन का
सुन्दर काया देख लुभाया,
लाड कर तन का
छूटा स्वास बिखर गयी देहि,
जो माया मन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का ॥
जो बनवारी लगे प्यारी प्यारी,
मौज करे मन का
काल बलि का लगे तमाचा,
भूल जाये धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का ॥
यह संसार स्वप्न की माया,
मेला पल छिन का
ब्रह्मा नन्द भजन कर बन्दे,
मात निरंजन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का ॥
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम...॥
Q1: "हरी नाम सुमिर सुखधाम जगत में जीवन दो दिन का" भजन का अर्थ क्या है?
A: इस भजन का अर्थ है कि इस संसार का जीवन क्षणिक है, और केवल हरि नाम ही सच्चा सुखधाम है। यह भजन हमें भगवान के नाम का स्मरण करने की प्रेरणा देता है।
Q2: यह भजन किसने लिखा है?
A: यह भजन पारंपरिक है और विभिन्न संतों एवं भक्तों द्वारा गाया गया है। इसके लेखक की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
Q3: क्या इस भजन को भक्ति सत्संग में गाया जा सकता है?
A: हाँ, यह भजन बहुत उपयुक्त है भक्ति सत्संग, कीर्तन और ध्यान के समय गाने के लिए।
Q4: इस भजन की धुन या ऑडियो कहां मिल सकती है?
A: आप इसे YouTube, Spotify, या अन्य भक्ति संगीत ऐप्स पर सुन सकते हैं।
Q5: क्या इस भजन का कोई विशेष समय है गाने का?
A: नहीं, इसे किसी भी समय गाया जा सकता है, खासकर सुबह-संध्या की पूजा में या सत्संग में।
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
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