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    Shiv Bhajan Sangrh Lyrics In Hindi

    शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा हिंदी भजन लिरिक्स

    शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा हिंदी भजन लिरिक्स
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    शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा हिंदी भजन लिरिक्स

    शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा ।
    काली घटा के अंदर जिम दामिनी उजारा ॥

    गल मुंडमाल राजे शशि भाल में बिराजे ।
    डमरू निनाद बाजे कर में त्रिशूल भारा ॥ 1 ॥

    दृग तीन तेज राशी कटिबंध नागफासी ।
    गिरिजा है संग दासी सब विश्व के अधारा ॥ 2 ॥

    मृगचर्म वसनधारी वृषराज पर सवारी ।
    निज भक्त दुःखहारी कैलाश में विहारा ॥ 3 ॥

    शिवनाम जो उचारे सब पाप दोष टारे ।
    ब्रह्मानंद न बिसारे भवसिंधु पार तारा ॥ 4 ॥

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