शँकर तेरी जटा मे बहती है गंगधारा हिंदी भजन लिरिक्स

    Shiv Bhajan

    • 19 Oct 2025
    • Admin
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    शँकर तेरी जटा मे बहती है गंगधारा हिंदी भजन लिरिक्स
    शँकर तेरी जटा मे बहती है गंगधारा ।
    काली घंटा के अन्दर जिमि दामिनी उजारा ।।
     
    गल मुण्डमाल राजे , शशि भाल मे विराजे ।
    डमरू निनाद वाजे , कर मे त्रिशूल धारा ।।
     
    दृग तीन तेज राशी , कटिबन्ध नाग फाँसी ।
    गिरिजा है संग दासी , सब विश्व के अधारा ।।
     
    मृग चर्म बसन धारी , वृषराज पर सवारी ।
    निज भक्त दु:ख हारी , कैलाश मे बिहारा ।।
     
    शिव नाम जो उच्चारे , सब पाप दोष टारे ।
    ब्रह्मानन्द ना बिसारे , भव सिन्धु पार तारे ।।
     
    शँकर तेरी जटा मे बहती है गंगधारा ।
    काली घंटा के अन्दर जिमि दामिनी उजारा ।।
     
    बोल नाथ जी महाराज की जय

     

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