जय गणेश आरती: पूरी आरती, भावार्थ और महत्त्व | Jai Ganesh Aarti in Hindi

    संपूर्ण आरती संग्रह

    • 26 May 2025
    • Admin
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    जय गणेश आरती: पूरी आरती, भावार्थ और महत्त्व | Jai Ganesh Aarti in Hindi

    🙏 जय गणेश आरती: आराधना, महत्त्व और चमत्कारी प्रभाव

    “जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥”
    यह आरती भगवान श्री गणेश जी की स्तुति में गाई जाती है, जो हर शुभ कार्य से पहले पूजे जाते हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता और मंगलकर्ता के रूप में जाना जाता है।


    ✨ जय गणेश आरती – पूरी आरती (पंक्तियाँ)

     

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

     

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

     

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

     

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

     

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

     

    ----- अतिरिक्त -----

     

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥


    🌼 आरती का महत्त्व

    • हर कार्य की शुरुआत: गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है, इसलिए किसी भी पूजा, यज्ञ, शादी, गृह प्रवेश आदि से पहले उनकी आरती की जाती है।

    • विघ्नों का नाश: “विघ्नहर्ता” के रूप में पूजे जाने वाले गणेश जी सभी बाधाओं को दूर करते हैं।

    • बुद्धि और विवेक के दाता: विद्यार्थी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों के लिए यह आरती विशेष फलदायी मानी जाती है।


    🛕 आरती कब और कैसे करें?

    समय विधि
    प्रातः/सायंकाल दीप जलाकर, गणेश जी को दूर्वा, मोदक, लड्डू अर्पण करके आरती करें।
    बुधवार विशेष बुधवार को गणेश पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है।
    व्रत/गणेश चतुर्थी इस दिन गणेश जी की आराधना विशेष फल देती है।

    🎶 भावार्थ (भावनात्मक अर्थ)

    • गणेश जी दीन-दुखियों के सहायक हैं।

    • माता पार्वती और शिव के पुत्र होने के कारण उनमें शक्ति और शांति दोनों का संगम है।

    • आरती यह दर्शाती है कि भगवान गणेश ही सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।


    🙋‍♂️ FAQs: जय गणेश आरती से जुड़े सामान्य प्रश्न

    Q1: जय गणेश आरती किसने लिखी है?
    A: इस आरती को ‘सूर’ नामक कवि ने रचा है, जो भक्त कवियों में से एक थे।

    Q2: क्या यह आरती रोज़ की जा सकती है?
    A: हाँ, यह आरती प्रतिदिन प्रातः एवं संध्या समय की जा सकती है।

    Q3: गणेश जी की आरती करते समय कौन-से भोग चढ़ाने चाहिए?
    A: गणेश जी को मोदक, लड्डू, दूर्वा (घास), नारियल आदि अर्पण करना शुभ होता है।

    Q4: गणेश जी की आरती कब करनी चाहिए?
    A: किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले, बुधवार को, या गणेश चतुर्थी पर अवश्य करनी चाहिए।

    Q5: क्या ऑनलाइन भी गणेश जी की आरती की जा सकती है?
    A: हाँ, यदि आप मंदिर नहीं जा सकते, तो घर पर दीप जलाकर मन से आरती कर सकते हैं।


    🙏 आप भी रोज़ यह आरती गाकर अपने जीवन में शुभता और सफलता का स्वागत करें। गणपति बाप्पा मोरया! 🙏

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