पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया – रामदेव बाबा आरती लिरिक्स
भजन शीर्षक: पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया
समर्पित: बाबा रामदेव जी
भाषा: राजस्थानी / हिंदी
🔸 भजन लिरिक्स:
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
घर अजमल अवतार लियो
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
गंगा जमुना बहे सरस्वती।
रामदेव बाबो स्नान करे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो
धूपारी महकार पङे
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
ढोल नगाङा बाबा नोबत बाजे
झालर री झणकार पङे
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
दूर-दूर सूं आवे थारे जातरो
दरगा आगे बाबा नीवण करे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
हरी सरणे भाटी हरजी बोले।
नवों रे खण्डों मे निसान घुरे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
🙏 भजन का भावार्थ (संक्षेप में):
यह भजन बाबा रामदेव जी के पश्चिम दिशा से आगमन की महिमा का वर्णन करता है। इसमें उनकी भक्ति, शक्ति और उनके भक्तों की श्रद्धा को उजागर किया गया है। यह भजन विशेष रूप से राजस्थान और रामदेवरा यात्रा में गाया जाता है।
❓ FAQs: (ब्लॉग के नीचे डालें)
Q1: "पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया" भजन किसके लिए है?
यह भजन बाबा रामदेव जी के लिए समर्पित है।
Q2: यह भजन किस भाषा में है?
यह भजन राजस्थानी मिश्रित हिंदी में है।
Q3: इसे कहाँ गाया जाता है?
यह भजन मुख्यतः राजस्थान, विशेषकर रामदेवरा मेले और ग्रामीण क्षेत्रों में गाया जाता है।
Q4: क्या इस भजन की वीडियो भी मिल सकती है?
हाँ, आप YouTube पर "पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया" सर्च करके इसकी कई भक्तिपूर्ण प्रस्तुतियाँ देख सकते हैं।
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