आव सखी देख गणपत घूम है भजन हिंदी लिरिक्स

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    आव सखी देख गणपत घूम है भजन हिंदी लिरिक्स
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    आव सखी देख गणपत घूम है ॥टेर॥  

     

    लम्बी सूँड मतवाला जी  घृत, सिन्दुर थार मस्तक सोहे देवा,  

    शिव-शक्ति का बाला हो गणपत, देख भया मतवाला जी ॥1॥

     

    राजा भी सुमर थान, परजा भी सुमर है  सुमर है जोगी जटावाला जी ।

    उठ सँवरी दोपहरी तान सुमर देवा, रिद्धि सिद्धि देवणवाला ओ गणपत ॥2॥

     

    ओढ़ पीत पीतम्बर सोहे देवा, गल फूलंडा री फूल मालाजी ।

    सात सखी रल मंगल गाव देवा, बुद्धि को देवण हाला जो गणपत ॥3॥

     

    नात गुलाब मिल्या, गुरु पूरा ,  हृदय में करियो उजाला जी ।

    भानीनाथ शरण सतगुरु की देवा,खोल्या 

    भ्रम का ताला ओ गणपत ॥4॥

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