गणेश गणपति भजन लिरिक्स इन हिंदी पीडीऍफ़
सेवा म्हारी मानो जी गणपति देवा भजन लिरिक्स
सेवा म्हारी मानो जी गणपति देवा भजन लिरिक्स
सेवा म्हारी मानो जी गणपति देवा,
खोलो म्हारा हिरदा रा ताला जी।।
जल चढ़ाऊँ देवा नहीं है अछूता,
जल ने तो मछियां बंटा लिया है जी,
सेवा म्हारी मानों जी।।
फूल चढ़ाऊँ देवा नहीं है अछूता,
फूलाँ ने भँवरा बंटा लिया है जी,
सेवा म्हारी मानों जी।।
दूध चढ़ाऊँ देवा नहीं है अछूता,
दूध ने बछड़ा बंटा लिया है जी,
सेवा म्हारी मानों जी।।
भोजन चढ़ाऊँ देवा नहीं है अछूता,
भोजन तो मक्खियां बंटा लिया है जी,
सेवा म्हारी मानों जी।।
शीश चढ़ाऊँ देवा नहीं है अछूता,
शीश तो शक्ति बंटा लिया है जी,
सेवा म्हारी मानों जी।।
दोय कर जोड़ जती गोरख बोले,
शब्द चढ़ाऊँ देवा यही है अछूता,
सेवा म्हारी मान...
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
Post Your Comment