गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि लिरिक्स
प्रकाशित: 16 Apr, 2025
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Vidhata Ajab Likhi Takdir Bhajan Lyrics
विधाता अजब लिखी तकदीर,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गए रघुवीर,
विधारा अजब लिखी तक़दीर।।
तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।
हरिश्चंद्र था दानी दाता,
खाली ना कोई द्वार से जाता,
किस्मत ने क्या खेल रचाया,
बन गए आज फकीर,
विधारा अजब लिखी तक़दीर।।
नीर भरण सरवण जब पहुंचे,
लागा तीर प्राण जब छूटे,
अंत समय में मात पिता को,
पिला सका ना नीर,
विधारा अजब लिखी तक़दीर।।
द्रोपदी पांच पतिन की नारी,
सबने गर्दन नीचे डारी,
भरी सभा में लाज उतारी,
कृष्ण बढ़ा रहे चीर,
विधारा अजब लिखी तक़दीर।।
विधाता अजब लिखी तकदीर,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गए रघुवीर,
विधारा अजब लिखी तक़दीर।।
Singer – Meenakshi Mukesh
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