Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
🙏 जय श्री श्याम 🙏
था बिन म्हारी आँख्या हो गयी बावली,
इ टाबर के मन में बस गयी सूरत थारी सांवली
इ टाबर के मन में..........
मनडो म्हारो सुनो डोले डगमैग डोला खावे हे
आंखड़ल्या विरह की मारी,आंसुड़ा टपकावे हे
कइया चलसी था बिन म्हारी गाड़ली
इ टाबर के मन में..........
मीरा पर किरपा किनी थी सुनबा आवे बातड़ली
दास थारो यो आश लगाया,खड्यो उडीके बाटड़ली
प्रेम जाम से भर दो म्हारी बाटली,
इ टाबर के मन में..........
पेल्या प्रीत लगाय के तू क्यू छोड़े मझदार जी
प्रेम भाव को पाठ पढ़ाकर,मत बिसरो दिलदारजी
मन में रम गयी सूरत थारी सांवली
इ टाबर के मन में..........
थे छोडो पण में ना छोड़ू, में तो थारो दास जी
खाटू का घनश्याम मुरारी,में तो थारो खास जी
आलूसिंह की था बिन आँख्या बावली
इ टाबर के मन में..........
इस भजन में एक सच्चा भक्त अपने ईष्ट श्रीकृष्ण (या खाटू श्याम) से अपनी विरह की पीड़ा और असीम प्रेम को व्यक्त करता है।
भक्त कहता है कि तेरे बिना मेरी आँखें बावली (पागल) हो गई हैं। तुझसे मिले बिना जीवन अधूरा है।
यह प्रेम वही है जो मीरा बाई के गीतों में झलकता है — जहाँ प्रेमी (भक्त) अपने प्रियतम (भगवान) को अपने जीवन का एकमात्र आधार मानता है।
भजन का हर शब्द समर्पण और करुणा से भीगा हुआ है।
"था बिन म्हारी आँख्या हो गयी बावली" एक दिल को छू लेने वाला भजन है जो भक्ति, प्रेम और इंतजार की गहराई को दर्शाता है।
अगर आपने कभी अपने ईष्ट से सच्चा प्रेम किया है, तो यह भजन आपके दिल को जरूर छूएगा।
जय श्री श्याम 🙏
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