हनुमानजी, बालाजी के पुराने भजन डायरी लिखित में
रावणा के देश गयो,सीया का संदेशो लायो हिंदी भजन लिरिक्स
रावणा के देश गयो,सीया का संदेशो लायो ।
कबहू ना किनी वो तो बात अभिमान की ॥
छिन में समुंदर कूदे पल में पहाड़ लाये
लाये संजीवन बूटी लक्ष्मण के प्राण की
रावणा के देश गयो ॥
लाये संजीवन बूटी लक्ष्मण के प्राण की
रावणा के देश गयो ॥
जब जब भीड़ पड़ी, तब तब आ सहाय करी
लंका तो फूँक आये रावण बेईमान की
रावणा के देश गयो ॥
लंका तो फूँक आये रावण बेईमान की
रावणा के देश गयो ॥
कह भाई भरत दुहाई दशरथ की
जो न होते पवनसुत आवती ना जानकी
रावणा के देश गयो ॥
जो न होते पवनसुत आवती ना जानकी
रावणा के देश गयो ॥
तुलसीदास बलिहारी हो धनुर्धारी
कहॉंतक बड़ाई करुँ वीर हनुमान की
कहॉंतक बड़ाई करुँ वीर हनुमान की
बोल सालासर के धणी की जय
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