निर्गुणी सत्संगी भजन लिरिक्स हिंदी में
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई हिंदी भजन लिरिक्स
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मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई हिंदी भजन लिरिक्स
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई,
जहाँ मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
1. लगा जब पता मुझको हस्ती का अपना,
बिना मेरे सारा जहां कुछ नहीं है।
2. सभी में सभी से परे मैं ही मैं हूं,
सिवा मेरे अपने यहां कुछ नहीं है।
3. न दुख है न सुख है नहीं शोक कुछ भी,
अजब है यह मस्ती पिया कुछ नहीं है।
4. यह सागर यह लहरें यह बुलबुला,
यह कल्पित हैं जल के सिवा कुछ नहीं है।
5. है आनंद-आनंद है रूप मेरा,
है मस्ती ही मस्ती यहां कुछ नहीं है।
6. यह पर्दा दुई का हटा के जो देखा,
सभी एक मैं हूँ जुदा कुछ नहीं है।
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