बोली प्यारी लागे थारी सुरत प्यारी लागे राजस्थानी फ्लोक सोंग्स लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई हिंदी भजन लिरिक्स
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई,
जहाँ मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है।
1. लगा जब पता मुझको हस्ती का अपना,
बिना मेरे सारा जहां कुछ नहीं है।
2. सभी में सभी से परे मैं ही मैं हूं,
सिवा मेरे अपने यहां कुछ नहीं है।
3. न दुख है न सुख है नहीं शोक कुछ भी,
अजब है यह मस्ती पिया कुछ नहीं है।
4. यह सागर यह लहरें यह बुलबुला,
यह कल्पित हैं जल के सिवा कुछ नहीं है।
5. है आनंद-आनंद है रूप मेरा,
है मस्ती ही मस्ती यहां कुछ नहीं है।
6. यह पर्दा दुई का हटा के जो देखा,
सभी एक मैं हूँ जुदा कुछ नहीं है।
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
Leave Message