मन रे मत कर सोच विचारा भजन लिरिक्स

    सत्संगी भजन

    • 9 May 2025
    • Admin
    • 532 Views
    मन रे मत कर सोच विचारा भजन लिरिक्स

     मन रे मत कर सोच विचारा

     

    कर्तानाथ सभी का मालिक, सबको पोषणहार ।। टेर ।।

     

    गर्भ वास में रक्षा कीनि, वो है सर्जनहारा।

    खानपान की चिन्ता उनको, दूध आँचल में डारा । ।1 ।।

     

    बालक रूप वर्ण अति सुन्दर, सबको लागत प्यारा।

    दन्त बतिसी मुख में नाँही, वो दूध पिलावन हारा । |2 ||

     

    होस हुया जब सुरत सम्भाली, पहरे चीर हजारा।

    अन्नदेव की खुद्धया जागी, वो रचिया अन्न अपारा ।।3।।

     

    गुलाबयति गुरू सत समझावे, सिमरो सर्जनहारा।

    गंगायति कहे वो सबने पुरे, कर्मगति अनुसारा । ।4।।

    Share This Post:
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    Popular Bhajan Lyrics

    Stay Connected With Us