हनुमान भजन

    मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान भजन लिरिक्स

    • 19 Apr 2025
    • Admin
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    मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान भजन लिरिक्स

    मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,
    मेरे जीवन की डूबी नैया का तू ही एक किनारा,
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,

    तेरे नाम को सुमिरूँ बाला हरपल तुझको ही मैं ध्याऊँ,
    इस अंतर मन में बाबा तेरे नाम की ज्योति जगाऊँ,
    मेरे अंधियारे जीवन का बाबा तू ही तो उजियारा,
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,

    मैं चाहूँ ना धन और दौलत ना चाहूँ चांदी सोना,
    मुझे मिल जाए तेरे चरणों में रहने को एक कोना,
    झूठी दुनिया में भटक रहा हूँ बाबा मारा मारा,
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,

    तेरी शक्ति का हे बजरंगी कोई भी पार ना पाया,
    क्या होती है भक्ति तूने दुनिया को है समझाया
    तेरी भक्ति के सागर ने,सबको भव से पार उतारा,
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,

    एक बात है दिल में बजरंगी तुझसे ये कहना चाहूँ,
    तेरा नाम हो एक जुबां पे जब मैं इस दुनिया से जाऊं,
    तेरे नाम सहारे खुल जाए मेरी मुक्ति का द्वारा,
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,

    मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा,
    मेरा तू ही एक सहारा बाबा तू ही एक सहारा,
    मेरे जीवन की डूबी नैया का तू ही एक किनारा,
    मेरा तू ही एक सहारा,बाबा तू ही एक सहारा,

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