गले से लगा लो ना साँवरिया | Gale Se Laga Lo Na Sawariya Lyrics in Hindi
प्रकाशित: 16 May, 2025
पहली देव गणेश मनावा
सिमरा मात ज्वाला न
वाणी बोल अणभय का उपजें
हिरदै में हो उजियाला
गुरां की महिमा अमी किसी बूंदा
बोल गंगा का है धारा
सुणीयाँ का पाप कटे भव भव का
काया कंचन तन सारा
ज्ञान बादली गुरां जी के घट मे
बरस रही चहुँ दिस धारा
वचन वचन म इंदर ज्यू गरजे
आठ पहर दिन ह सारा
सोहनपूरी है सुथायन में बासा
श्वेत वरण रंग है बांका
शिखर किले पर ध्वजा फरुके
वहां रम रया गुरु मतवाला
अमृतनाथ मिल्या गुरु पूरा
खोल्या भरम का बै ताला
"मग्गो"महिमा गुरांजी की गावे
गाँव गुमाने है वाला ।
जय श्री अमृतनाथ जी महाराज की
जय श्री नवां नाथ जी महाराज की
जय रतिनाथ जी महाराज की
बोल बऊधाम की जय जय जय
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
Leave Message