निर्गुणी सत्संगी भजन लिरिक्स इन हिंदी पीडीऍफ़

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो हिंदी भजन लिरिक्स

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो हिंदी भजन लिरिक्स

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो हिंदी भजन लिरिक्स

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो,

राधा – रमण हरी गोपाल बोलो,

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो,

जै – जै श्याम

राधेश्याम, राधेश्याम, राधेश्याम…

ओ री ओ मोसे मोरा श्याम रूठा

कहे मोरा भाग फूटा,

कहे मैने पाप धोए,

आँसुवान बीज बोए

च्छूप-च्छूप मीयर्रा रोए,

दर्द ना जाने कोई

जै – जै श्याम

राधेश्याम, राधेश्याम, राधेश्याम…

विष का प्याला पीना पड़ा है,

मारकर भी मोहे जीना पड़ा है,

नैन मिलाए गिरधर से

गिर गई जो अपनी ही नज़र से,

रो-रो नैना खोए ।

च्छूप-च्छूप मीयर्रा रोए

दर्द ना जाने कोई,

जै – जै श्याम

राधेश्याम, राधेश्याम, राधेश्याम…

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो,

राधा-रमण हरी गोपाल बोलो,

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो,

जै – जै श्याम

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