Rati Nath Ji Bhajan Lyrics
दीन बंधू दीनानाथ मोरी सुध लीजिये भजन हिंदी लिरिक्स
WhatsApp Group
Join Now
दीन बंधू दीनानाथ मोरी सुध लीजिये
दीन के दयाल दाता मोपे दया कीजिये
खेती नहीं बाडी नहीं बिणज व्यापार नहीं
ऐसो कोई सेठ नहीं जासे कछु लीजिये
भाई नहीं बन्धु नाही कुटुंब कबीलों नाही
ऐसो कोई मित्र नाही जासे कछु लीजिये
सोने को सुनयो नाही रुपे को रुप्यो नाही
कोडी पैसा पास नाही कहो केसे कीजिये
कहता है मलुकदास छोड़ दे बिरानी आस
सांचो नाम तेरो दाता और किसको लीजिये
Telegram Group
Join Now
Leave Message