Rati Nath Ji Bhajan Lyrics
दाग परे कर भाई मेरे दिल का भरम परे कर भाई भजन लिरिक्स
दाग परे कर भाई मेरे दिल का भरम परे कर भाई
दाग परे कर भाई मेरे दिल का भरम परे कर भाई
पहली देव गणेश मनावा हिरदे म शारदा माई
निवण करा म्हारे गुरु पीरां न भुल्या न राह बताई
निवण करा म्हारे गुरु पीरां न भुल्या न राह बताई
तीन गुणा की नाव बना कर बंदा समदर बिच तिराई
पांच केवटिया बसे काया म सतगुरु पार लगाई
पांच केवटिया बसे काया म सतगुरु पार लगाई
उठ सवारी बंदा झूठ मत बोले मत कर निंद्रा पराई
क्रूर कपटी संग पल्लो मत छुवे नुगरा स किस्योड़ी भलाई
क्रूर कपटी संग पल्लो मत छुवे नुगरा स किस्योड़ी भलाई
तन का कपड़ा मल मल धोले सुरतां की साबण लगाई
ज्ञान शिला पर मार फटकारो जद पकडे नरमाई आई
ज्ञान शिला पर मार फटकारो जद पकडे नरमाई आई
जवानी बंदा डगमग डौले आख्या अँधेरी तेर छाई
कहत कबीर सुणो भाई साधो गुरु मिल्या गम पाई भाई जी
कहत कबीर सुणो भाई साधो गुरु मिल्या गम पाई भाई जी
जय श्री नाथ जी की
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