गले से लगा लो ना साँवरिया | Gale Se Laga Lo Na Sawariya Lyrics in Hindi
प्रकाशित: 16 May, 2025
भरत पियारा मेरो नाम हनुमान, नाम हनुमान मेरो॥टेर॥
कौन दिशा से आयो भाई, इस पहाड़ को करसीं कांई.
देख लेई तेरी प्रभुताई, झेल्यो मेरो बाण॥1॥
लंकापुरी से आयो भाई, लक्षमणजी ने मुरछा आई.
रावण सुत ने बाण चलायो, मार्यो शक्ति बाण॥2॥
कहो भरत क्या जतन उपाऊँ, लँगड़ा कर दिया कैसे जाऊँ.
संजीवन कैसे पहुँचाऊँ उदय होसी भान॥3॥
आवो बाला बैठो बाण पे, तन्ने पहुँचा दूँ लंका धाम में.
ऐसी मेरे जचै रही ध्यान में बाण विमान॥4॥
ले संजीवन हनुमत आये, लछमण जी नै घोल पिलाये.
सुखीराम भाषा मे गाये, चरणो में ध्यान॥5॥
प्रकाशित: 16 May, 2025
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