हंसला के चेतावनी भजन वाणी भजन लिखित में
भक्ति को बाग़ लगाओ भजन लिरिक्स
।। दोहा ।।
कबीर माया मोहिनी, जैसी मीठी खांड।
सतगुरु की किरपा भई, नहीं तौ करती भांड॥
भक्ति का बाग़ लगाओ
भक्ति का बाग़ लगाओ।
मेवा निपजे रे अनंत सुमार ,
भक्ति का बाग़ लगाओ।
इस काया की जमीन बनाओ ,
सूरत नूरत दोनों बेल जुटाओ।
बाओ रे सुखमय सीर ,
भक्ति का बाग़ लगाओ। टेर। …
मन माली ने रखलो हाली ,
तेरे बाग़ की करे रखवाली।
करे बाग़ की सार ,
भक्ति का बाग़ लगाओ। टेर। …
इस काया में बस रहया ठाकुर ,
जिनकी करलो पूरी चाकर।
ले चले बैकुण्ठ ,
भक्ति का बाग़ लगाओ। टेर। …
धन सुख राम बढ़ाओ गावे ,
हे कोई हरिजन बाग़ लगावे।
उत्तरे भव जल पार ,
भक्ति का बाग़ लगाओ। टेर। …
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