Soch Samajhkar Chal Man Mera – चेतावनी भजन लिरिक्स | जग में जीना थोड़ा रे भक्ति गीत

    चेतावनी भजन

    • 17 May 2025
    • Admin
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    Soch Samajhkar Chal Man Mera – चेतावनी भजन लिरिक्स | जग में जीना थोड़ा रे भक्ति गीत

    सोच समझकर चाल मन मूरख,
    जग में जीना थोड़ा रे,
    जग में जीना थोड़ा बंदे,
    जग में जीना थोड़ा रे,
    सोच समझकर चाल रे मुरख,
    जग में जीना थोड़ा रे।।


    चुन चुन ककरी महल बनाया,
    जीव कहे घर मेरा रे,
    नहीं घर तेरा नहीं घर मेरा,
    चिड़िया रैन बसेरा रे,
    सोच समझकर चाल रे मुरख,
    जग में जीना थोड़ा रे।।


    जब लग तेल दीवे में बाती,
    जब लग तेल दीवे,
    जगमग जगमग होरा रे,
    जगमग जगमग होरा रे,
    बीत गया तेल निमड़ गई बाती,
    हो गया घोर अंधेरा रे,
    सोच समझकर चाल रे मुरख,
    जग में जीना थोड़ा रे।।


    हरि बनायी लाल बनाती,
    जैसे दुरंगी घोड़ा रे,
    हरिया बनाती लाल बनाती,
    जैसे दुरंगी घोड़ा रे,
    सांवली सूरत पर घास उगेगा,
    चुग चुग जासी डोरा रे,
    सोच समझकर चाल रे मुरख,
    जग में जीना थोड़ा रे।।


    बोली तिरया यूं उठ बोली,
    बिछुड़ गया मेरा जोड़ा रे,
    कहत कबीर सुनो भाई साधु,
    जिन जोड़ा तिन तोड़ा रे,
    सोच समझकर चाल रे मुरख,
    जग में जीना थोड़ा रे।।


    सोच समझकर चाल मन मूरख,
    जग में जीना थोड़ा रे,
    जग में जीना थोड़ा बंदे,
    जग में जीना थोड़ा रे,
    सोच समझकर चाल रे मुरख,
    जग में जीना थोड़ा रे।।

    गायक – प्रेम जी (सीकर)

    +919610961001
    प्रेषक – सुभाष नाथ जी महाराज (भूतनाथ धाम)

     

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