Panchhida Lal Bhulyoda Bharm Me Dole Re Lyrics | पंछीड़ा लाल भूल्योड़ो भ्रम में डोले चेतावनी भजन लिखित में
चेतावनी भजन
राग : - प्रभाती
पंछीड़ा लाल भूल्योड़ो भ्रम में डोले। ।
पल्लै बंध्यो तेरे लाल अमोलक, जीने क्यों नही खोले ।।
कस्तूरी का मृग जियां तू, वन वन में कांई डोले।
या तेरा सांई तुझ में है जो हरदम तुझसे बोले।।।
भ्रम मिट्यां बिन तू पंछीड़ा काशी मथुरा डोले।
सतगुरु शरणों ले तो थारा, सारा भेद न खोले।।
हीरा पन्ना लाल जवाहर, राई भेद के औले।
बिन सतगुरु ना भेद पड़े, या सन्त शास्त्र बोले।3। टे।
करम गांठ तेरे लागी गाढी, आंख्यां सू छ ओले।
बिन दीपक न मिटे अन्धेरों, अन्धा जयां टटोले।4।
जा सच्चा गुरु को शरणों लेकर, मैल जीव को धोले।
सत अविनाशी मिले ‘रूड़मल' जै सच्चाई तोले।5।
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