बंदा आखिर में पछतासी रे, दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे लिरिक्स

    चेतावनी भजन

    • 12 May 2025
    • Admin
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    बंदा आखिर में पछतासी रे,  दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे लिरिक्स

    बंदा आखिर में पछतासी रे,

    दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे । टेर।।

     

    धन माया की भरी तिजोरी संग चले ना धेलो,

    रूक ज्याय कंठ दसो दरवाजा जाणु पड़े अकेलो ।।

    दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे । टेर।।

     

    जमका आकर घेटी पकड़, घाल गला में फांसी,

    मार मार कर खाब उघाड़ दे, लोथ गंडकड़ा खासी ।।

    दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे । टेर।।

     

    बड़ा बड़ा बलवान हो गया के लेगा वह सागे,

    मूर्ख के जब होय चान्दणु, जूता सिर में लागे ।।

    दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे । टेर।।

     

    पापी बेईमान जगत में, बदनामी सिर धरग्या,

    हरिनारायण शर्मा कहता भजने कर्खा सो तिरगा ।।

    दो दिन की जिन्दगानी सागे क्ये ले ज्यासी रे । टेर।।

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