तूने जो हाथ थामा मंजिल की फिक्र क्या है भक्ति लिरिक्स इन हिंदी

    खाटू श्याम भजन

    • 10 Jun 2025
    • Admin
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    तूने जो हाथ थामा मंजिल की फिक्र क्या है भक्ति लिरिक्स इन हिंदी

    तुने जो हाथ थामा: जब ईश्वर ही सहारा बन जाए

    लेखक: आकाश अरोड़ा | रचना शैली: तर्ज – “दुनिया ने दिल दुखाया”

    जब जीवन में राहें धुंधली हो जाएं, जब अपने भी पराये लगें और जब हर दिशा में केवल निराशा का अंधेरा हो... तब भी अगर कोई साथ हो — तो वो है परमात्मा का हाथ
    "तुने जो हाथ थामा, मंजिल की फिक्र क्या है" — यह पंक्ति न केवल कविता है, यह एक जीवित विश्वास है, एक चलती सांस है उस भक्त की जो ईश्वर की शरण में पूर्ण समर्पण कर चुका है।


    🎶 भजन के बोल: 

    तर्ज – दुनिया ने दिल दुखाया।

    तूने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है,
    तेरे ही साथ चलना,
    तेरे ही साथ चलना,
    तेरी ही सारी राहें,
    तुने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है।।


    तेरी दया से बाबा,
    कारोबार मेरा चलता,
    सर पे जो हाथ तेरा,
    परिवार मेरा पलता,
    तुझे दिल में है बसाया,
    तुझे दिल में है बसाया,
    बाबा तू ही हर जगह है,
    तुने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है।।


    चरणों में बैठकर के,
    सूरत तेरी निहारू,
    प्यारा सा लागे कितना,
    बाबा नजरें मैं उतारू,
    कहीं और दिल ना लगता,
    कहीं और दिल ना लगता,
    नजरों ने जो ठगा है,
    तुने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है।।


    तुझसे मैं क्या मांगू,
    औकात क्या है मेरी,
    देता तू खुद-ब-खुद ही,
    खुशकिस्मती है मेरी,
    देख तेरी कृपा को,
    देख तेरी कृपा को,
    मेरा अश्क़ ये बहा है,
    तुने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है।।


    ‘आकाश’ का सहारा,
    एक तू ही लखदातारी,
    जीवन की डोर सौपी,
    तेरे हाथों में मुरारी,
    मतलब से सारे रिश्ते,
    मतलब से सारे रिश्ते,
    एक तू ही तो सगा है,
    तुने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है।।


    तूने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है,
    तेरे ही साथ चलना,
    तेरे ही साथ चलना,
    तेरी ही सारी राहें,
    तुने जो हाथ थामा,
    मंजिल की फिक्र क्या है।।

     

    🕉 हर शेर में आस्था की गहराई

    भजन की हर पंक्ति में उस अद्भुत प्रेम, विश्वास, और आभार की अनुभूति है जो भक्त को अपने ईश्वर से होती है। चाहे "तेरी दया से बाबा कारोबार मेरा चलता हो" या फिर "सर पे जो हाथ तेरा, परिवार मेरा पलता" — यह भजन दिखाता है कि जीवन का हर पहलू प्रभु की कृपा से ही चलता है।


    👀 ईश्वर की झलक: मन की सच्ची तृप्ति

    "सूरत तेरी निहारू, नजरों में उतारू" — यह पंक्ति दिखाती है कि जब हृदय में ईश्वर का निवास हो, तो नज़रें भी कहीं और नहीं टिकतीं। यह भजन केवल शब्दों का खेल नहीं, यह एक साधना है।


    🙇‍♂️ कृपा ही संपत्ति है

    भक्त विनम्र होकर कहता है —
    "तुझसे मैं क्या मांगू, औकात क्या है मेरी?"
    यह एहसास उस आत्मिक स्तर की ओर इशारा करता है जहाँ चाह खत्म हो जाती है और केवल भक्ति बचती है।


    🌈 भजन का सार:

    यह भजन सिर्फ़ गाने के लिए नहीं है —
    यह जीने के लिए है।
    यह हमें सिखाता है कि यदि प्रभु का हाथ थाम लिया है, तो मंजिल की चिंता करना व्यर्थ है। उसकी कृपा से ही जीवन की नाव पार हो जाती है।


    🎤 भजन गायक व रचनाकार: आकाश अरोड़ा जी

    उनकी आवाज़ और लेखनी में वो शक्ति है जो सीधे आत्मा को छूती है। यदि आपने ये भजन अभी तक नहीं सुना, तो इसे अपनी प्रार्थना सूची में अवश्य शामिल करें।


    बिलकुल! नीचे इस भजन ब्लॉग से जुड़े कुछ संभावित FAQ (Frequently Asked Questions) दिए गए हैं जो आपके पाठकों के मन में आ सकते हैं। इन्हें आप अपने ब्लॉग के अंत में जोड़ सकते हैं ताकि लोगों को और स्पष्टता व जुड़ाव मिले:


    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

    1. यह भजन किस राग या तर्ज पर आधारित है?

    उत्तर: यह भजन प्रसिद्ध गीत “दुनिया ने दिल दुखाया” की तर्ज पर लिखा गया है, जिससे इसमें भावनात्मक गहराई और मधुरता स्वाभाविक रूप से झलकती है।


    2. भजन का मुख्य संदेश क्या है?

    उत्तर: यह भजन सिखाता है कि जब परमात्मा का हाथ थाम लिया हो, तो जीवन की कठिनाइयों से डरने की कोई जरूरत नहीं। ईश्वर के सहारे मंजिलें अपने आप तय हो जाती हैं।


    3. क्या यह भजन किसी विशेष देवी-देवता को समर्पित है?

    उत्तर: भजन में “बाबा” और “मुरारी” जैसे संबोधनों का उपयोग हुआ है, जो श्रीकृष्ण या किसी गुरुवर, संत या अपने इष्ट देव को इंगित करते हैं। इसे किसी भी ईश्वर रूप को समर्पित किया जा सकता है।


    4. क्या इस भजन का उपयोग भजन मंडली या कीर्तन में किया जा सकता है?

    उत्तर: हाँ, बिल्कुल! यह भजन भावपूर्ण है और मंडली या सत्संग में गाया जाए तो भक्तों के मन को शांति व भक्ति का अनुभव होता है।


    5. इस भजन को गाने के लिए किसी संगीत प्रशिक्षण की जरूरत है?

    उत्तर: नहीं, यह भजन सरल भाषा और भावों में लिखा गया है। अगर आप दिल से गाते हैं, तो यह अपने आप श्रोताओं के हृदय को छू जाता है। तर्ज पहले से परिचित होने के कारण, इसे सहजता से गाया जा सकता है।


    6. क्या इसे सोशल मीडिया या यूट्यूब चैनल पर उपयोग किया जा सकता है?

    उत्तर: यदि लेखक और गायक आकाश अरोड़ा जी की अनुमति ली जाए या क्रेडिट सही रूप से दिया जाए, तो इसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर साझा किया जा सकता है।


    7. क्या इस भजन के लिए कोई रिकॉर्डिंग उपलब्ध है?

    उत्तर: यदि उपलब्ध है, तो आप लिंक यहाँ जोड़ सकते हैं। नहीं है, तो भविष्य में इसे रिकॉर्ड कर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट किया जा सकता है।


    📌 आपका अनुभव:
    क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है जब लगा हो कि ईश्वर ने आपका हाथ थाम लिया हो? कमेंट में ज़रूर साझा करें, ताकि और लोग भी प्रेरित हो सकें।

    🙏 हर कदम पर उसके साथ का अहसास ही तो सच्ची भक्ति है।

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