तुम श्री राम के सेवक हो भजन लिरिक्स | Tum Shri Ram Ke Sevak Ho Bhajan Lyrics
प्रकाशित: 29 Apr, 2025
जीवन एक बहती नदी की तरह है – बहता जा रहा है, और हम हैं कि उसमें दुनियावी आकर्षणों में उलझे हुए हैं। संत कबीर की यह अमर वाणी "थारी उम्र बीती जाए बावला, रट किरतारो रे" हमें इस सत्य का बोध कराती है कि यह जीवन नश्वर है, और केवल प्रभु-भक्ति ही शाश्वत है।
“दोहा “
एकदंत श्री चंद्रमा, विघन हरन गणराज |
गले जनेऊ शेष है, सुर से नाता है ||
सुर दे माँ सरस्वती, मेरे जगदम्बा जगदीश |
श्री सहिराम सतगुरु मिले, तो कहूँ चरण नवाऊ शीश ||
राम नाम रट रे मनवा , पको बनाले पाथ |
कुण जाने किस मोड़ , तो थारा घट कबीर साँस
घट कबीर सांस फिरलो रोवतो
करया मानस जन्म पाप, फिरगो जोवतो ||
भजन के बोल :-
कृप्या यह भजन लिरिक्स ब्लॉग कॉपीराइट है इसलिए उपयोग में लेने से पहले bhaktibhajandiary@gmail.com पर सम्पर्क जरुर करे||
थारी उम्र बीती जाय बावला रट किरतारो रे भजन लिरिक्स
थारी उम्र बीती जाए बावला |
रट किरतारो रे, ओ जग झुटो सारो || टेर ||
हीरो सो थान मिल्यो, ओ मानस जमारो रे |
खरबर के ज्यू खो रह्यो है, केसर क्यारो रे ||
थारी उम्र बीती जाए बावला |
रट किरतारो रे, ओ जग झुटो सारो || टेर ||
हिवड में हरि नाम धरो, सब कुकर्म त्यारो रे |
जां भक्तो सु राजी होवे, प्रतीम प्यारो रे ||
थारी उम्र बीती जाए बावला |
रट किरतारो रे, ओ जग झुटो सारो || टेर ||
भाई बंधु कुटम्ब कबीलों, कोई ना थारो रे |
अंत समय में जावे अकेलो, मथ – मथ गारो रे ||
थारी उम्र बीती जाए बावला |
रट किरतारो रे, ओ जग झुटो सारो || टेर ||
सत की सार जाणले साधा, बोल बिचारो रे|
कहत कबीर सुनो भई साधो, जन्म सुधारो रे ||
थारी उम्र बीती जाए बावला |
रट किरतारो रे, ओ जग झुटो सारो || टेर ||
"थारी उम्र बीती जाए बावला, रट किरतारो रे..."
यह केवल चेतावनी नहीं, एक प्रेम भरी पुकार है — जो हमें जीवन की सच्चाई से जोड़ती है। संत कबीर का यह भजन हमें आत्मचिंतन, आत्मशुद्धि और प्रभु-स्मरण की ओर ले जाता है।
तो आज से ही शुरुआत करें – हरि नाम को हृदय में बसाएं।
🌸 कहत कबीर – जीवन सुधर जाएगा।
प्रकाशित: 29 Apr, 2025
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