मैं कैसे भूल जाऊं अपने प्रभु हनुमान को भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 29 Apr, 2025
श्यामा आन बसों बृन्दावन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में।
श्यामा रस्ते में बाग़ लगा जाना,
फूल बीदूंगी तेरी माला के लिए।
तेरी बाट निहारु कुंजन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में॥
श्यामा रस्ते मे कुआ खुदवा जाना,
मई तो नीर भरुंगी तेरे लिए।
मे तुझे नहलाउंगी मल-मल के, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में ॥
श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,
मोहे आके दरश दिखा जाना।
तेरी सूरत बसी है अखियन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में॥
॥श्यामा आन बसों..॥
श्यामा बृन्दावन में आ जाना,
आकर के रास रचा जाना ।
सूनी गोकुल की गलियन मे, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में॥
॥श्यामा आन बसों..॥
श्यामा माखन चुराने आ जाना,
आकर के दही बिखरा जाना।
बस आप रहो मेरे मन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में ॥
॥श्यामा आन बसों..॥
प्रकाशित: 29 Apr, 2025
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