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    Gurudev Bhajan Sangrh Lyrics In Hindi

    संगत करो नी निर्मल साधु री , आवागमन मिट जाय भक्ति भजन हिंदी लिरिक्स

    संगत करो नी निर्मल साधु री , आवागमन मिट जाय भक्ति भजन हिंदी लिरिक्स
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    संगत करो निर्मल साधु री

    संगत करो नी निर्मल साधु री ,
    आवागमन मिट जाय ।
    जनम मरण मिट जाय हेली ,
    आवागमन मिट जाय ॥

    चंदन उग्यो रे हरिया बाग में म्हारी हेली ,
    खुशी भई वनराय ।
    आप सुंगध औरों ने करे म्हारी हेली ,
    रही रे सुगंधी छाय ॥
    संगत करो नी । ….

    बांस उग्यो रे डर डूंगरे म्हारी हेली ,
    थरक रही वनराय ।
    आप बळे औरों ने बाळसी म्हारी हेली ,
    कपट गांठ घट माँय ॥
    संगत करो नी । ….

    दव लागी डावा गरे म्हारी हेली ,
    मिल गई झाळो झाळ ।
    और पंखेरू सब उड़ गया म्हारी हेली ,
    हंसला रे बैठा डाळ ।
    संगत करो नी । ….

    चंदन हंस मुख सूं बोलियो म्हारी हेली ,
    थे क्यूं जळो हंसराज ।
    म् तो जळों बिना पांखियाँ म्हारी हेली ,
    जड़ है पताळां माँय ॥
    संगत करो नी । ….

    फल खाया पान पिरोलिया म्हारी हेली ,
    रमिया डाळो डाळ ।
    थे तो जळो म्हें क्यों ऊबरो म्हारी हेली ,
    जिवणो है कितरा साल ॥
    संगत करो नी । ….

     

    चन्दन हंस रो प्रेम देखने म्हारी हेली ,
    दूधां बरस्यो मेह ।
    कहे कबीरसा धर्मीदास ने म्हारी हेली ,
    नित नित नवला वेश ।
    संगत करो नी । ….

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