Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
भजन का विवरण:
"मुर्ख रे क्यों आँख्यां हिया की फुटी" एक प्रसिद्ध भजन है, जो हमारे जीवन की गहरी उलझनों और आत्मिक अज्ञानता को उजागर करता है। यह भजन हमें सिखाता है कि जब हम अपने कर्म, धर्म, और जीवन के उद्देश्यों को समझने में चूकते हैं, तो हमारी राह उलझ जाती है। विशेष रूप से इस भजन में कलयुग की स्थिति और उस समय में मनुष्य की सोच की दिशा को चुनौती दी जाती है। इस भजन के माध्यम से हमें समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने की प्रेरणा मिलती है—जैसे कि धार्मिकता, सत्य की खोज, और गुरु की महिमा।
भजन में गहरे आध्यात्मिक और धार्मिक संदेश दिए गए हैं, जो जीवन में आने वाली कठिनाइयों को सही दृष्टिकोण से समझने और उनसे बाहर निकलने का मार्ग दिखाते हैं। यह भजन न केवल एक चेतावनी है, बल्कि एक मार्गदर्शन भी है, जो हमें सच्चाई और धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।
मुर्ख रे क्यों आँख्यां हिया की फुटी
वाद विवाद करे सत्संग में, बात बंणावे उल्टी।। टेरा।।
अपना कर्म धर्म न सुझे, गंगा बह रही उल्टी।
साध-सत्यां की करे उतराई, है नुगरां की घुँटी।। 1।।
कलयुग आय कलेजे बेठयो, ज्यां की मतीयां उल्टी।
लप-लप बातां करे अचुंगी, प्रीत राम से नाँटी।। 2।।
नाँ कोई खावे न खाँवण दे, ज्युं अड़वा की खूँटी।
शबद विचार सार न जांणे, थोथी जिव्या कुटी।। 3।।
निर्दोषी के दोष लगावे, सांखा देवे झुठीं।
धर्मराय थारो लेखो लैसी, जमड़ा मारें लाठी।। 4।।
गुलाबयति गुरु सत समझावे, घोल पिलाई घुंटी।
गंगायति कहं नर समझ अज्ञानी, क्यों करे कमाई माठी।। 5।।
इस भजन का मुख्य संदेश यह है कि मनुष्य को सत्य, धर्म और सद्गुण की राह पर चलने के लिए अपनी आँखें खोलनी चाहिए। समाज में जो उलझनें, असत्य और पाखंड फैले हुए हैं, उनसे बचकर जीवन की सच्चाई को समझने का प्रयास करना चाहिए। जब तक हम धर्म, कर्म, और आत्मा की गहरी समझ नहीं पाते, तब तक हमारी ज़िन्दगी भी उलझी हुई रहती है। हमें अपने जीवन में गुरु की सीख को मानना चाहिए और सच्चे मार्ग पर चलना चाहिए।
"मुर्ख रे क्यों आँख्यां हिया की फुटी" भजन एक गहरी चेतावनी है जो हमें अपनी आत्मा की शुद्धि और धर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। यह भजन उन सभी को एक सच्चा संदेश देता है जो आज भी धर्म, कर्म और सत्य को भुलाकर उलझनों में फंसे हुए हैं। हमें अपने जीवन में गुरु की शिक्षा और सही मार्गदर्शन को अपनाकर अपनी राह को साफ करना चाहिए।
इस भजन का मुख्य संदेश यह है कि जीवन में जब हम अपने कर्म और धर्म को समझने में चूक जाते हैं, तो हमारी दिशा उल्टी हो जाती है। यह भजन हमें चेतावनी देता है कि हम समाज में व्याप्त असत्य, पाखंड और अज्ञानता से बचकर सही मार्ग पर चलें, ताकि हम अपनी आत्मिक शांति और सच्चाई को पा सकें।
यह पंक्ति यह बताती है कि जब लोग धर्म और सत्य को सही तरीके से नहीं समझते, तो जीवन का मार्ग उल्टा हो जाता है। जैसे गंगा का पानी उल्टी दिशा में बहना अनैतिक और अव्यवस्थित होता है, वैसे ही व्यक्ति का जीवन भी बिना सही मार्गदर्शन के उलझ जाता है।
यह पंक्ति कलयुग के समय की स्थिति को दर्शाती है, जिसमें लोगों के दिलों में गलत विचारों और आस्थाओं का प्रवेश हो जाता है। "कलेजे बेठयो" का अर्थ है कि मनुष्य के दिल में अधर्म और पाप बैठ चुके हैं, जिससे वह सत्य और धार्मिकता से दूर हो जाता है।
भजन में गुरु का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। गुरु हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन देते हैं। इस भजन में गुरु की शिक्षा को समझने और पालन करने की बात की गई है। यह भी बताया गया है कि अज्ञानी लोग गुरु की बातों को नहीं समझ पाते और गलत रास्ते पर चलते हैं।
यह पंक्ति उन लोगों को चेतावनी देती है जो निर्दोषों पर दोष मढ़ते हैं और झूठ बोलते हैं। इसका संदेश है कि ऐसे लोग अंत में अपने कर्मों का फल भुगतते हैं। यह पंक्ति यह भी दर्शाती है कि सत्य और धर्म के रास्ते से भटकने वाले लोगों का अंत बहुत ही बुरा होता है।
हालाँकि यह भजन धार्मिक और आध्यात्मिक संदर्भ में गाया जाता है, लेकिन इसके संदेश का व्यावहारिक जीवन में भी बहुत बड़ा महत्व है। यह हमें जीवन में सही निर्णय लेने, असत्य से बचने, और अपने कर्मों को सही दिशा में चलाने की प्रेरणा देता है। यह भजन सामाजिक, मानसिक और व्यक्तिगत उत्थान के लिए भी उपयोगी है।
हां, यह भजन मुख्य रूप से कलयुग के समय में मानवता और धार्मिकता की गिरावट को दर्शाता है। इसमें बताया गया है कि कलयुग में लोग सच्चाई से दूर होते हैं, और झूठे, पाखंडी विचारों में लिप्त रहते हैं। हालांकि, यह भजन हर युग के लिए प्रासंगिक है, क्योंकि यह जीवन की सच्चाई और धर्म के महत्व को उजागर करता है।
यह भजन एक गहरे आध्यात्मिक और जीवन से संबंधित संदेश प्रदान करता है। अगर कोई व्यक्ति इसके संदेश को समझता है और जीवन में लागू करता है, तो यह निश्चित रूप से उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह भजन आत्म-चिंतन, सुधार और मार्गदर्शन के लिए एक प्रेरणा है।
यह भजन समूह में गाने के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि यह सामूहिक रूप से धार्मिकता और सत्य की खोज को बढ़ावा देता है। व्यक्तिगत रूप से भी यह भजन आत्म-चिंतन के लिए गाया जा सकता है। यह सुनने वाले को सच्चाई और गुरु के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
हां, भजन की संगीत की शैली भी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसके संगीत के साथ शब्दों का मिलन संदेश को और अधिक प्रभावी बनाता है। भजन के संगीत से मन और आत्मा को शांति मिलती है, जिससे इसके गहरे संदेश को बेहतर समझा जा सकता है।
प्रकाशित: 15 May, 2025
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