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    काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स

    साधु भाई सतसंग सत जाणी भजन हिंदी लिरिक्स

    साधु भाई सतसंग सत जाणी भजन हिंदी लिरिक्स

    साधु भाई सतसंग सत जाणी कर सतसंग परम पुरुषार्थ ,

    अपने आप पिछाणी। साधु भाई सतसंग सत जाणी। टेर। ….

     

    सतसंग सुखसागर मायने , मुक्त रतन की खाणी।

    सिर साटे मर जीवा पावे , जाणी बात बखाणी।

    साधु भाई सतसंग सत जाणी। टेर। ….

     

    सतसंग में ब्रह्मा वारता रे , अनुभव अमृत वाणी।

    जीव ब्रह्मा की करे एकता , दुर्मति दोष नसाणी।

    साधु भाई सतसंग सत जाणी। टेर। ….

     

    सतसंग सुखरूप रे जगत में , वेद वचन परमाणी।

    प्रेमीजन पुरुषार्थ करके , मौज मुकता की माणी।

    साधु भाई सतसंग सत जाणी। टेर। ….

     

    सतगुरु अचलराम ब्रह्माकेता , दिनी मुक्त निसाणी।

    उत्तमराम परम पद परस्या , होय रे सतसंग निर्वाणी।

    साधु भाई सतसंग सत जाणी। टेर। ….

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