बाबाजी रति नाथजी के भजन लिरिक्स हिंदी लिखित में पीडीऍफ़

सभा है भरी भगवन , भीर पड़ी, आवो तो आवो हरी भजन हिंदी लिरिक्स

सभा है भरी भगवन , भीर पड़ी, आवो तो आवो हरी भजन हिंदी लिरिक्स

सभा है भरी भगवन , भीर पड़ी, आवो तो आवो हरी,

किसविध देर करी || सभा है भरी ||

 

पति मोये हारी ये ना बिचारी,

कैसे सभा में आवती नारी |

बाजी लगी थी भगवन कपट भरी,

आवो तो आवो हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||

 

हो दुष्ट दु:शासन वस्त्र बिलोचन,

खेंच रह्यो मेरे बदन को वासन |

नग्न करण की मन मं करी,

आवौ तो आवौ हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||

 

भीष्म पितामह, द्रोण गुरू देवा,

बैठे विदुरजी धर्म के खेवा |

सब की मति में भगवन्, धुळ पड़ी,

आवौ तो आवौ हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||

 

हाथ पसारो, लाज उबारो,

सत्य कहूं प्रभु बेगा पधारो |

देवकीनंदन गावै, बणा बिगड़ी,

आवौ तो आवौ हरि,किसविध देर करी || सभा है भरी ||

 

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