Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
मिलादो शाम से ऊधो तेरा गुण हम भी गावेंगी हिंदी भजन लिरिक्स
मिलादो शाम से ऊधो तेरा गुण हम भी गावेंगी
मुकुट सिर मोर पंखन का मकर कुंडल हैं कानों में
मनोहर रूप मोहन का देख दिल को रिझावेंगी ||
हमन को छोड गिरधारी गये जबसे नहीं आये
चरण में शीश धरकरके फेर उनको मनावेंगी ||
प्रेम हमसे लगा करके बिसारा नंदनंदन ने
खता क्या हो गई हमसे अरज अपनी सुनावेंगी ||
कबी फिर आय गोकुल में हमें दर्शन दिलावेंगे
वो ब्रम्हानंद हम दिलसे नहीं उनको भुलावेंगी ||
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
Leave Message