निर्गुणी सत्संगी भजन लिरिक्स इन हिंदी पीडीऍफ़
मैं तो अरज करू गुरु थाने चरणा में राखजो माने भक्ति भजन हिंदी लिरिक्स
में तो अरज करू गुरु थाने
में तो अरज करू गुरु थाने।
चरणा में राखो माने।
हेलो प्रकट देऊ के जाने।
मारी लाज सरम सब थाने।
में तो अरज करू गुरु थाने।
चरणा में राखो माने।
गुरु मात पिता सुख दाता।
सब स्वार्थ का है नाता।
एक तारण तिरण गुरु दाता।
जारा बाहर बैठ जस गाता।
में तो अरज करू गुरु थाने।
चरणा में राखो माने।
भव सागर भरियो भारी।
मने सूजत नहीं रे किनारो।
गुरु गठ में दया विचारो।
में तो दुब र यो मजदारो।
में तो अरज करू गुरु थाने।
चरणा में राखो माने।
कोई संत लियो अवतारों।
जीवो ने पार उतारो।
माने आयो भरोसो भारो।
नहीं छोड़ू चरणों थारो।
में तो अरज करू गुरु थाने।
चरणा में राखो माने।
गुरु तन मन धन सब थारो।
चाहे शीश काट लो मारो।
जन तरिया राम पुकारो।
चरणा को चाकर थारो।
में तो अरज करू गुरु थाने।
चरणा में राखो माने।
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