मन फूला - फूला फिरे जगत में | Man Fula Fula Fir Jagat Lyrics

    चेतावनी भजन

    • 5 Jul 2025
    • Admin
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    मन फूला - फूला फिरे जगत में | Man Fula Fula Fir Jagat Lyrics
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    माता कहे यह पुत्र हमारा, बहन कहे बीर मेरा,
    भाई कहे यह भुजा हमारी, नारी कहे नर मेरा,
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    पेट पकड़ के माता रोवे, बांह पकड़ के भाई,
    लपट झपट के तिरिया रोवे, हंस अकेला जाए,
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    जब तक जीवे माता रोवे, बहन रोवे दस मासा,
    तेरह दिन तक तिरिया रोवे, फेर करे घर वासा,
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    चार जणा मिल गजी बनाई, चढ़ा काठ की घोड़ी,
    चार कोने आग लगाई, फूंक दियो जस होरी,
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    हाड़ जले जस लाकड़ी रे, केश जले जस घास,
    सोना जैसी काया जल गई,कोइ न आयो पास,
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    घर की तिरिया ढूंढन लागी, ढुंडी फिरि चहु देशा,
    कहत कबीर सुनो भई साधो, छोड़ो जगत की आशा,
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
     
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
    मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
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