काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स
मैं तो रमता जोगी राम मेरा क्या दुनियां से काम हिंदी भजन लिरिक्स
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मैं तो रमता जोगी राम मेरा क्या दुनियां से काम हिंदी भजन लिरिक्स
मैं तो रमता जोगी राम मेरा क्या दुनियां से काम॥ टेक ॥
हाडमांस से बनी पुतलिया ऊपर जडिया चाम
देख देख सब लोक रिझावें मेरो मन उपराम ॥
माल खजाने बाग़ बगीचे सुन्दर महल मुकाम
एक पल में सबही छूटें संग चले नहि दाम ॥
मातपिता अरु मीत पियारे भाई बंधु सुतवाम
स्वारथ का सब खेल बना है नही इनमें आराम ॥
दिनदिन पलपल छिनछिन काया छीजत जाय तमाम
ब्रम्हानंद भजन कर प्रभुका मैं पावूं बिश्राम ॥
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