मान बन्दा मेरी कोणी काया तेरी रे, फेर पछतायेगा भजन हिंदी लिरिक्स

    चेतावनी भजन

    • 22 Jul 2025
    • Admin
    • 3626 Views
    मान बन्दा मेरी कोणी काया तेरी रे, फेर पछतायेगा भजन हिंदी लिरिक्स

    मान बन्दा मेरी कोणी काया तेरी रे, फेर पछतायेगा II

    बंदा कहता काय मेरी , काया का गुमान क्या I
    हीरा सा बंदन तेरा माटी में मिल जाएगा II

    वहां से तु क्या लाया बंदे , यहाँ से क्या ले जाएगा I
    बंध मुठी आया बंदे , हाथ पसारे जाएगा II

    बालपन में खेल्या खाया , जवानी में सुट्या पडया I
    बुड्डा हो के मरने चाल्या , खाट पडया सिसकाया II

    धरया रह्व तेरा कोट और किला , कोमल देह कुमलायेगी I
    जग छोड़कर चल्या मुसाफिर, हँस अकेला जाएगा II

    रटना है जो रट ले बंदे , वक्त हाथ नहीं आएगा I I
    कहत कबीर सुनो भई साधु, करणी का फल पायेगा  II

    Share This Post:
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    Popular Bhajan Lyrics

    Stay Connected With Us