बैठ मेरे बाण पे रे | बजरंग देउं तुरन्त पुचाय - भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 25 Apr, 2025
मान बन्दा मेरी कोणी काया तेरी रे, फेर पछतायेगा II
बंदा कहता काय मेरी , काया का गुमान क्या I
हीरा सा बंदन तेरा माटी में मिल जाएगा II
वहां से तु क्या लाया बंदे , यहाँ से क्या ले जाएगा I
बंध मुठी आया बंदे , हाथ पसारे जाएगा II
बालपन में खेल्या खाया , जवानी में सुट्या पडया I
बुड्डा हो के मरने चाल्या , खाट पडया सिसकाया II
धरया रह्व तेरा कोट और किला , कोमल देह कुमलायेगी I
जग छोड़कर चल्या मुसाफिर, हँस अकेला जाएगा II
रटना है जो रट ले बंदे , वक्त हाथ नहीं आएगा I I
कहत कबीर सुनो भई साधु, करणी का फल पायेगा II
प्रकाशित: 25 Apr, 2025
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