कुण जाणे या माया श्याम री, अज़ब निराली रै भजन लिरिक्स

    खाटू श्याम भजन

    • 3 Jul 2025
    • Admin
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    कुण जाणे या माया श्याम री, अज़ब निराली रै भजन लिरिक्स

    कुण जाणे या माया श्याम री, अज़ब निराली रै भजन लिरिक्स

    Kun Jaane Ya Maya Shyam Ri Ajab Nirali Rai Bhakti Bhajan Lyrics

     

    कुण जाणे या माया श्याम री,
    अज़ब निराली रै,
    ओ त्रिलोकी को नाथ जाट रे,
    बण गयो हाली, बण गयो हाली,
    कर रै रखवाली रै,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

    सौ बीघा को खेत जाट को,
    श्याम भरोसे खेती रै,
    आधा में तो गेहूँ चणा और,
    आधा में दाणा मैथी रै,
    बिना बाड़ को खेत जाट को,
    श्याम रूखाली रै,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

    भूरी भैंस चमकणी जाट के,
    दो छैरा दो नारा रे,
    बिना बाड़ को बाड़ो ज्या में,
    बाँधे न्यारा न्यारा रे,
    आवे चोर जद ऊबो दिखे,
    काढ़े गाली रै,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

    जाट जाटणी निर्भय सोवै,
    सोवे छौरा छोरी रे,
    श्याम धणी पहरे के ऊपर,
    कईयाँ होवे चोरी रे,
    चोर लगावे नितकी चक्कर,
    जावे खाली रे,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

    बाजरे की रोटी खावे,
    ऊपर घी को लचको रे,
    पालक की तरकारी सागे,
    भरे मूली को बटको रै,
    छाछ राबड़ी करे कलेवो,
    भर भर थाली रै,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

    सोहनलाल लोहाकर बोले,
    यो घर भक्ता के जावे रे,
    धावलिये री ओल बैठ कदे,
    श्याम खीचड़ो खावे रे,
    भक्ता के संग नाचे गावे,
    दे दे ताली रे,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

    कुण जाणे या माया श्याम री,
    अज़ब निराली रै,
    ओ त्रिलोकी को नाथ जाट रे,
    बण गयो हाली, बण गयो हाली,
    कर रै रखवाली रै,
    त्रिलोकी को नाथ जाट को,
    बण गयो हाली रै॥

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