कोई कहियो गिरधर आवन की | हिंदी भजन लिरिक्स
रति नाथ भजन
कोई कहियो गिरधर आवन की ,,
आवन की मन भावन की,,
ये दो नेण कयो ना माने,,
नदिया उल्ट आई सावन की,,
आप ना आवे सांवरो
पतिया ने
बात करे लचावन की
इथ गोकुल इथ मथुरा नगरी
पंख नही उड़ आवन की ।
चंद्र सखी मर्ग बाल कृष्ण छबि ,,
सांवली सूरत में भावण की,
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