काया कोटडी में रंग लाग्यो भजन लिरिक्स

    चेतावनी भजन

    • 2 Aug 2025
    • Admin
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    काया कोटडी में रंग लाग्यो भजन लिरिक्स

     ।। दोहा ।।
    मिनख जमारो दुर्लभ है, मिले न दूजी वार।
    फल पड़े धरणी पर, वो पाछो लगे न डार।


    ।। काया कोठड़ी में रंग लागो ।।

    मारा हंसला रे चालो शिखरगढ़,
    काया कोठड़ी में रंग लागो।
    मारा पवना रे चालो शिखरगढ़,
    काया कोठड़ी में रंग लागो।
    रंग लागो रे ज्यारो भय भागो।


    राम नाम रा पिया रे प्याला,
    पीवत-पीवत रंग लागो।
    सुरत सुंदरी आगी ठिकाणे ,
    जद काया में शिव जागो।
    मारा हंसला ….


    इंगला रे आगे पिंगला रे उभी,
    सुकमण जोय मन जाग्यो।
    त्रिवेणी रा रंग महल में,
    अड़ब झरोखे मारो भ्रम भागो।
    मारा हंसला ….


    ऊँची मेढ़ी जी रे अमी रे ढळत है,
    ढळत-ढळत मारो पिव जागो।
    सुरत नुरत मारो आई रे सरोदे,
    जद मालिक घर वाते लागे।
    मारा हंसला ….


    सोहन शिखर माँय सेज पिया री,
    वणती रे हमें मारो मन लागो।
    मच्छेन्द्र प्रताप जति गोरख बोले,
    भजन करे ज्यां रो भय भागो।
    मारा हंसला ….

     

     

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