काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स
काया झुपड़ी रे म्हारी भोली टपली हिंदी भजन डायरी लिरिक्स
काया झुपड़ी रे म्हारी भोली टपली,,
रँगीली म्हारी काया झोपड़ी
रँगीली म्हारी काया झोपड़ी डीग मत जाइयो ना
काया झोपड़ी रे म्हारी भोळी टापली डीग मत जाइयो ना ।।
नो दस मास झुपा बनता ने लाग्या ये
काया रो कारीगर थान अजब धड़ी डीग मत जइयो ना ।।
रँगीली म्हारी,,,,
हरि के भजन से झुंपा न्यारी मत होइयेना
प्रभु के भजे से तेरी काया सुधरी डीग मत जइयो ना ।।
रँगीली म्हारी,,,,
दूधा दहिया से झुंपा तन तो सिंचाई ये
धीरत सिंचायो तन एक सिंगड़ी डीग मत जाइयो ना ।।
रँगीली म्हारी
अब म्हारी झुंपा तू तो भई रे पुराणी
हाथा में ले ली तू तो लाकड़ी डीग मत जाइयो ना ।।
रँगीली म्हारी,,,
अब म्हारी झुंपा तू तो लुलबा ने लागी ये
कोई ये न बैठे थारी छाया छावली डीग मत जाइयो ना ।।
रँगीली म्हारी,,,,
चलना पड़ेगा झुंपा यहाँ नही रहणा ये
चलती बेला में थारो राम धणी डीग मत जाइयो ना ।।
रँगीली म्हारी,,,,
कहत कबीरा सुणो भाई साधो
ऐसी तो काची काया अजब धड़ी डीग मत जाइयो ना ।।
रँगीली म्हारी काया झोपड़ी डीग मत जाइयो ना
काया झोपड़ी रे म्हारी भोळी टापली डीग मत जाइयो ना ।।
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