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    काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स

    कोण किसी का मात पिता है , कौन किसी की नारी भजन हिंदी लिरिक्स

    कोण किसी का मात पिता है , कौन किसी की नारी भजन हिंदी लिरिक्स

    कौन किसी का मात पिता है

    कोण किसी का मात पिता है ,
    कौन किसी की नारी।
    कौन किसी का बेटा बेटी ,
    झूठी दुनिया दारी।

    जब तक तन में प्राण बसे था ,
    तब तक ही था नाता ।
    ना अब बेटा तेरा राणी ,
    ना तू उसकी माता।
    आवागम लगा दुनिया में ,
    कोई आता कोई जाता।
    अमर रहे ना जग में प्राणी ,
    काल सभी ने खाता।
    मरी लाश की आश छोड़ दे ,
    रटले कृष्ण मुरारी।
    कौन किसी का बेटा बेटी ,
    झूठी दुनिया दारी।
    कौन किसी। ….

    सूरज चाँद उगने से रह ग्या ,
    धरती चाहे हिल जावे।
    आसमान स्थान छोड़ दे ,
    पृथ्वी से मिल आ जावे।
    अग्नि चाहे ठंडी हो जा ,
    पानी से जग जल जावे।
    हरी चंद सत छोड़ सके ना ,
    चाहे प्राण निकल जावे।
    होनी आगे जोर चले ना ,
    ईश्वर की लीला न्यारी।
    कौन किसी का बेटा बेटी ,
    झूठी दुनिया दारी।
    कौन किसी। ….

    परमेशवर की अजब गति है ,
    पल में रास रचा दे।
    बस्ती खेड़ा उजड़ कर दे ,
    वन में शेर बसा दे।
    फिकर काक मग नाव तिरानी ,
    तेरा धर्म निभाते है।
    दंड घाट का देखे रानी ,
    सुध की लाश जलाते है।
    रो रो के चाहे प्राण गवा दे ,
    सुनता कोण तुम्हारी।
    कौन किसी का बेटा बेटी ,
    झूठी दुनिया दारी।
    कौन किसी। ….

     

    मेरे पास पैसे दाम नहीं अब ,
    कैसे दंड चुकाउ में।
    केवे हरी चंद क्यों गबरावे ,
    एक उपाये बताऊ में।
    आधा चीर फाड् कर दे दे ,
    तेरा काम जपाउ में।
    हरी नारायण शर्मा कहता ,
    नाम हरी का गाउ में।
    आधा चीर दंड का देके ,
    करी चीता की तैयारी।
    कौन किसी का बेटा बेटी ,
    झूठी दुनिया दारी।
    कौन किसी। ….

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