Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
कैसे जीतें हैं भला लोग हरी नाम बिना
उनका जीना नहीं जीना है प्रभु नाम बिना
एक यही नाम तुम्हें पार करेगा भव से
पार हो सकते नहीं इसके सहारे के बिना
जिन्दगी चार दिनों की है गुजर जायेगी
जाना ही होगा अकेले तुम्हे अपनों के बिना
वक्त ठहरा ही नहीं और ना ठहरेगा कभी
हो गयी देर तो पछताओगे सतसंग के बिना
"रामा"कहता है लगन हरी से लगा कर देखो
आयेगा खुद ही जहां में तुम्हे जीने का मज़ा
प्रकाशित: 15 May, 2025
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