जाग जाग मेरी गंगा माई भजन लिरिक्स – गंगा माँ की आरती | Dunia Darshan Aayi Ji Lyrics
प्रकाशित: 15 Jun, 2025
~ एकला मत छोड़ जे बंजारा ~
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,
खोटा हो जाना रे।
दूर देश का है मामला ,
खोटा हो जाना रे।
अपना सायब जी ने,
बंगला बनाया रे।
बंगला बनाया बंजारा ।
ऊपर रखियो झरोखा,
जामे झांक्या करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,
खोटा हो जाना रे। टेर। ..
अपना सायब जी ने,
बाग लगाया।
बाग लगाया बंजारा रे।
फूला भरी है छाबड़ी,
पाया करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,
खोटा हो जाना रे। टेर। ..
अपना सायब जी ने,
कुआँ खुदाया।
कुआँ खुदाया बंजारा रे।
गहरा भरया नीर वा,
नहाया करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,
खोटा हो जाना रे। टेर। ..
कहे कबीर धर्मदास से,
बंजारा रे बंजारा।
सत अमरापुर पावीया,
सौदा करो प्यारा रे।
एकला मत छोड़ जे बंजारा रे।
परदेशी का है मामला,
खोटा हो जाना रे। टेर। ..
प्रकाशित: 15 Jun, 2025
प्रकाशित: 15 Jun, 2025
प्रकाशित: 15 Jun, 2025
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