गणेश भजन संग्रह लिरिक्स
गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी हिंदी भजन लिरिक्स
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी ,
म्हारा काटो कष्ट कलेश गणेश हमेश मनावा जी ||
एक दन्त सिर चंद्रमा जी विघ्न हरण गणराज ,
गले जनेउ शेष है जी सुर सेना सिर ताज ||
थारे चरणां सिर नावाँ जी
दुन्दाला दुःख भंजना जी सुन्डाला सुख मूल ,
दोष दूर सिंदूर करे जी विघ्न विडारे शूल ,
ध्यान चित माय लगावां जी ||
मोदक मुद मंगल करे जी पाश विनाशै पाप ,
अभय दान सबने देवो जी चढ़ मूषक पर आप ,
सुमर थाने सुख पांवा जी ||
जातक उभ्या बारणे जी अरज करे दातार ,
दाता टुथ्यो सांवठो जी रिद्ध सिद्ध भरो भंडार ,
"शम्भू"थारी कीरत गांवा जी ||
बोल गजानंद भगवान की जय
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
Leave Message