गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी हिंदी भजन लिरिक्स

    गणेश भजन

    • 22 Feb 2024
    • Admin
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    गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी हिंदी भजन लिरिक्स
    गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी ,
    म्हारा काटो कष्ट कलेश गणेश हमेश मनावा जी ||
     
    एक दन्त सिर चंद्रमा जी विघ्न हरण गणराज ,
    गले जनेउ शेष है जी सुर सेना सिर ताज ||
    थारे चरणां सिर नावाँ जी
     
    दुन्दाला दुःख भंजना जी सुन्डाला सुख मूल ,
    दोष दूर सिंदूर करे जी विघ्न विडारे शूल ,
    ध्यान चित माय लगावां जी ||
     
    मोदक मुद मंगल करे जी पाश विनाशै पाप ,
    अभय दान सबने देवो जी चढ़ मूषक पर आप ,
    सुमर थाने सुख पांवा जी ||
     
    जातक उभ्या बारणे जी अरज करे दातार ,
    दाता टुथ्यो सांवठो जी रिद्ध सिद्ध भरो भंडार ,
    "शम्भू"थारी कीरत गांवा जी ||
     
    बोल गजानंद भगवान की जय

     

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