Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
।। दोहा ।।
यो मैलो संसार रो,अटे आवण जावण कि रित।
ऐसी करणी कर चलो बिरा, थारा दुनीया गावे गीत।
~ जानो पड़सी रे पंछी ~
जानो पड़सी रे पंछी।
या बागा ने छोड़ ,
एक दिन जानो पड़सी रे।
किया घोंसला चुनचुन तिनका,
पर तेरा विश्वास ना क्षण का।
किया साथ थे किनका किनका,
छोड़ियां सरसी रे।
ओ पंछी सब सखियों को साथ।
एक दिन जाणो पडसी रे।
जानो पड़सी …..
जब तक है पिंजरा में वासा ,
तब तक है दुनिया को आशा।
तब तक है बन माई बासा ,
टेम निकलसी रे।
हो पंछी जो करणो जट करले,
फेर पचताणो पडसी रे।
जानो पड़सी …..
अब ऊडबा को आग्यो दिनडो,
बिलक बिलक बिलकावे जीवडो।
जतना सु राखयो कर बनडो,
आखिर मरसी रे।
हो पंछी फेरिया करणी को दंड ,
दंड ने भरणो पड़सी रे।
जानो पड़सी रे पंछी।
या बागा ने छोड़ ,
एक दिन जानो पड़सी रे।
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
प्रकाशित: 15 May, 2025
Leave Message